Sunday, March 13, 2016

उठो लाल अब आँखें खोलो!!!!

दोस्तों, 
तैयार हो जाईये एक गृहयुद्ध जैसी परिस्थिति के लिए, कल आपने देखा ही एक नए लालू प्रसाद के जन्म को| देश में अलग अलग संगठन, शैक्षणिक संस्थान, विविध विचारधारा के लोग, अविचारी लोग, और ना जाने कौन कौन, सत्ता के विरोध में तरह तरह के हथकंडे सभ्य असभ्य तरीके से अपना रहे हैं और व्यवस्था को हिलाने की कोशिश में जुटे हैं| 
कहते हैं इन्हें आज़ादी चाहिए| किससे आज़ादी? ये दो चार दस लोग एक जगह इकट्ठे हो कर अनर्गल बकवास करेंगे और आज़ादी लेंगें| अरे जिनकी दुनिया में बस एक चीन के सिवा कहीं कोई औकात  नहीं वो हमारे देश से आज़ादी चाहते हैं, दे दो भैय्या इनको आज़ादी, निकाल फेंको इन्हें इस देश से| 

मुझे तो लगता है ये सारा नाटक अड़ोसी पडोसी के निर्देशन में खेला जा रहा है, सूत्रधार के रूप में विदेशी बहुरिया और उनके आधे अधूरे देसी बबुआ हैं और जो सदियों से उनके साथ रहे, या कहें हिन्दुओं के खिलाफ रहे, वो सारे देसी गद्दार इसमें सटीक अभिनय कर रहे हैं| इन सबको केसरिया रंग नहीं भाता, बस लाल रंग बहुत प्यारा है, तो आओ इनका पिछवाडा भी लाल कर दिया जाए| 

इन सब चक्करों में हमारे देश की प्रगति, विकास, सरकार द्वारा किये हुए उल्लेखनीय कार्य सब परदे के पीछे छुप गए हैं, और सामने हैं इन भांडों की नौटंकी| हमारे देश का बिका हुआ मिडिया इस नौटंकी को ही दिखा रहा है और हम आप जैसे सामान्य जन इस नौटंकी को यथार्थ समझ रहे हैं| लोगों को जागरूक होना जरुरी है इन भीतरी दुश्मनों के प्रति वरना देश गृहयुद्ध जैसी परिस्थिति का सामना कर रहा होगा और इसका फायदा इस देश के बाहरी दुश्मन उठा जायेंगे| ये सब नौटंकी बाज़ अपनेआप को महानायक समझते हैं और कुछ पत्रकारों आदि ने तो उस नवलालू को चे गुरेवा का अवतार तक घोषित कर दिया| ठीक है भैय्ये कर लो कुछ दिन नौटंकी, लेकिन ये जान लो की जनता तुम सब भांडों का असली रूप पहचान रही है और जल्दी ही तुम्हे तुम्हारी औकात दिखा देगी|

अभी सत्ता को चाहिए की इन सब नाटकों को अनदेखा करे और जिन विकास के कामों में वो लगी हुई है उन्हें जारी रखे|अपनी शक्ति इन भांडों के नाटक का प्रत्युत्तर देने में जाया न करे और जनता के सामने अपनी उपलब्धियां लाये और जनता का विश्वास जीते| ये विश्वास रखें की right हमेशा सही ही होता है वो विचारधारा हो या दिशा(डायरेक्शन)

एक और बात जो मेरे छोटे से अविकसित दिमाग को नहीं समझ आती वो ये की(इसे अंग्रेजी में ही कहना होगा) 

HOW the hell every "RIGHT" thing becomes "LEFT"

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