Wednesday, August 12, 2015

दिल जो ना कह सका



दिल जो ना कह सका
पहचाना भैय्ये, अरे अपन वही सपने वाले अपने राम!   अब तुम कहोगे की क्या भैय्ये बड़े दिनों बाद ! ईद भी निकल गई और तुम्हारा दीदार नहीं,गधे के सर से सींग की तरह गायब हो गए| तो भैय्या कहना बस इत्ता है की जिंदगी की कुछ जरुरी और कुछ ऐंवे कुत्ती चीजो में फंसा रहा इसीलिए दरसन नई हुए,वरना ऐसी कोई बात नहीं| अब तुम कहोगे की जरुरी तो ठीक है पर ये कुत्ती चीज़ें क्या हैं?  अजी अपनी जिंदगी में बीबी,बच्चे, सगे संबधी और मित्र छोड़ कर सारी कुत्ती चीज़ों की भरमार है| काम धंधा जो करते हैं उसमे दिल लगता नहीं पर किये जा रहे हैं कोल्हू से बंधे बैल की तरह, बस इसी बेदिली का असर है की अपन में भी कुत्तापना आता जा रहा है भैय्ये| अब कुत्तापन मतलब ये कि कुत्ते की वफ़ादारी से धंधा कर रहे हैं, वफादारी भी धंधे से नहीं अपन के भागीदारों से, काम करने वाले करमचारियों से, उनकी रोजी चलती रहे इसीलिए, पड़े हुए हैं बेदिली से घर छोड़ कर गली में| अब तो साहब, भौंकना भी सुरु हो गया है कुत्तों की तरह, थोड़े दिन बाद शायद काटने भी लगें| खैर छोडो ये सब, मुद्दे की बात ये है की आज अपन ने ठान लिया है की दिल में जो बातें हैं उन्हें उगल ही देंगे सब के सामने|
तो साहब अच्छे दिनों के इंतज़ार की इन्तेहां होने आई पर अच्छे दिन हैं की आते ही नहीं| अपन ने तो सोचा था की २०१५ में सुखई सुख होगा, दुःख के बदल छंट जायेंगे पर भैय्ये यहाँ तो दुःख का बदल छंटने की बजाय फट गया है और देश बस नारों और वादों की बाढ़ में डूबता नज़र आ रहा है| कहीं कोई काम ठीक से हो ही नहीं पा रहा, स्वच्छ भारत का सपना सपना ही रह गया, वास्तविक स्वच्छता , वैचारिक स्वच्छता, नैतिक स्वच्छता आदि आदि श्रेणियों में बंट कर ये सपना और धूसर ही होता दिखता है| आप अपने आस पास कहीं भी नज़र दौड़ा लें, कचरा, गन्दगी, मक्खियाँ, मच्छर, बजबजाती नालियां, बस यही है चहुंओर| आम जनता में वैचारिक और नैतिक स्वच्छता का तो नामोनिशान नहीं है| अपन ने सोचा था की भैय्ये जनता ने बड़ी राष्ट्रभक्ति की बात करने वाली सरकार चुनी है तो ये जनता भी राष्ट्रभक्ति और देशप्रेम से ओतप्रोत हो कर कुछ प्रलयंकारी बदलाव ले आएगी और अपना देश अपन को भी प्यारा लगने लगेगा, पर साहब ये बातें तो झूठी निकलीं, निरी बकवास| कोई सरोकार नहीं है भैय्ये देश से, बस अपन अपन का सोचने वाली जनता है इस देस की| स्वच्छता अभियान के फोटू छप गए , भूल जाओ, कला धन वापस आया  नहीं, भूल जाओ, भ्रष्टाचारियों को सजा नहीं मिली, भूल जाओ, संसद नहीं चल रही, भूल जाओ, सरे काम अटके पड़े हैं, भूल जाओ, अजी स्वच्छता अभियान वास्तविक रूप से असफल रहा हो पर प्रतीकात्मक जीत तो हो गई इस अभियान की| कैसे? अरे भैय्ये, चुनाव के पहले के सब सवाल, सब चिंताएं, जनता के दिल दिमाग से स्वच्छ हो गईं| एक दम कोरी पटिया !
चुनाव के समय मोदी जी के नाम ने बवाल मचा रखा था अब एक साल बाद उन्ही की नामराशी वाले एक आदमी ने मचा रखा है| इस एक आदमी की खातिर रोज के अरबों रुपये पानी में जा रहे है, संसद नहीं चलने के कारण, पर जनता है की चुप बैठी है| गिने चुने ४०/५० लोग ५०० सदस्यों वाली संसद को बंधक बनाये हुए हैं, काम ठप्प किये हुए हैं पर जनता है की चुप बैठी है|एक अदद मंत्री के इस्तीफे की मांग पर आकाश पाताल एक हो रहा है, सैकड़ों विधेयक पेश होने हैं पर हो नहीं पा रहे, पर जनता है की चुप बैठी है| सभाओं में अत्यंत मुखर अपने प्रधानमंत्री होठ सिले बैठे हैं पर जनता है की चुप बैठी है|
जनता बोल रही है तो किस पर, एक आतंकवादी को मिली फांसी पर, ढोंगी बाबाओं और माताओं की पोलखोल पर, पोर्न पर लगे प्रतिबन्ध पर|
पोर्न प्रतिबन्ध से याद आया की भैय्ये इसके विरोध में तो जैसे सैलाब उमड़ आया है, अपन को तो लगा की भैय्ये जैसे लोगों की सांस लेने पर प्रतिबन्ध लग गया हो| सारी जनता छटपटाने लगी, चिल्लाने लगी की उसकी आज़ादी छीन ली गई| अपन को नहीं पता था की भैय्ये पोर्न देखना मतलब रोज खा सकने वाली आलू की भुंजिया की तरह जरुरी है हमारे देश की जनता के लिए| कितनी शर्म की बात है की जनता के दिल में आज़ादी का मतलब बेरोकटोक पोर्न देखना ही रह गया है| बाल गंगाधर तिलक ने बहुत सही कहा था गाँधी जी को, कि, बिना रक्त बहाए मिली हुई  स्वतंत्रता का कोई मोल नहीं रहेगा| और वही हुआ आज अपन को स्वतंत्रता का कोई मोल नहीं है| अपन का देश उसकी जनता से ही हार रहा है, इसे किसी दुश्मन की क्या जरुरत है भैय्ये|
देश में स्मार्ट सिटी बनाने के प्रस्ताव बनाये जा रहे हैं, पर भैय्ये स्मार्ट सिटी से पहले स्मार्ट नागरिक बनाओ जो उस स्मार्ट सिटी को स्मार्ट रख सकें वरना अपन तो लंडन को भी मोकामा घाट बनाने का माद्दा रखते हैं|

                                                                           अवी घाणेकर
                                                                           ११.०८.२०१५

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